है नहीं तलवार अपने हाथ में तो क्या हुआ ............| हम कलम से ही करेंगे सिरफिरों के सर कलम ......||
तुम्हारी बेरुखी ने लाज रख ली मयखाने की !तुम आँखों से पिला देते तो मयखाने कहाँ जाते !!
brillient...i mean... fantestic
simply great.................
जब शागिर्दे-रेख़्ता ही हैं आप, तो फिर बेरुखी को "बेरुख़ी” लिखिए और मयखाने को "मयख़ाने”। याने दोनों ख के नीचे नुक्ता (बिन्दी) लगाइए। लिखिए और ख़ूब लिखिए। इंतज़ार में।और ये वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा लें ताकि लोगों को टिप्पणियाँ करने में आसानी रहे।शुक्रिया।
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3 comments:
brillient...i mean... fantestic
simply great.................
जब शागिर्दे-रेख़्ता ही हैं आप, तो फिर बेरुखी को "बेरुख़ी” लिखिए और मयखाने को "मयख़ाने”। याने दोनों ख के नीचे नुक्ता (बिन्दी) लगाइए। लिखिए और ख़ूब लिखिए। इंतज़ार में।
और ये वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा लें ताकि लोगों को टिप्पणियाँ करने में आसानी रहे।
शुक्रिया।
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